1.शॉर्ट सर्किट
चार्जिंग और चलने के दौरान इलेक्ट्रिक वाहनों में आग की सबसे बड़ी वजह शॉर्ट सर्किट का होना है। शॉर्ट सर्किट से जो हैवी करंट बनता है, उससे बैटरी में आग लगती है। दरअसल, बैटरी का जॉइंट इतना टाइट नहीं होता है। बैटरी के टाइट न होने की वजह से भी शॉर्ट सर्किट होता है। टू-व्हीलर में 7’6 तक का चार्जर यूज होता है, जो घरों में यूज होने वाले एयर कंडीशनर से करीब 5-7 गुना ज्यादा करंट वाला होता है।
2. प्लास्टिक कैबिनेट का पिघलना
इलेक्ट्रिक वाहनों में यूज होने वाली सभी बैटरी प्लास्टिक कैबिनेट के साथ आती हैं। जब ये गर्म होती हैं तब प्लास्टिक पिघलने लगता है। इस वजह से इसमें लगे सर्किट भी पिघलने लगते हैं और इससे आग लग जाती है।
3. तापमान अधिक होना
कई बार अधिक गर्मी की वजह से भी बैटरी हीट में आती है और आग लग जाती है। दरअसल, जब गाड़ी धूप में खड़ी रहती है तब उसका तापमान 70 डिग्री या उससे भी अधिक होता है। गाडी स्टार्ट करते वक्त मोटर का ज्यादा पावर लगता है। इससे तापमान और बढ़ता है। ऐसी स्थिति में भी कई बार आग लग जाती है।
4. कम हीट सिंक
ई वाहनों में लिथियम ऑयन बेस्ड बैटरी का इस्तेमाल होता है। लिथियम ऑयन से हीट ज्यादा निकलती है। ऐसे में इसके लिए शैल के ऊपर का कवर ज्यादा मजबूत होना चाहिए। एक्सपर्ट की मानें तो इसमें हीट सिंक का इस्तेमाल होना चाहिए, लेकिन अभी बैटरी ऑपरेटर्स इसका पालन नहीं कर रहे हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
1. अगर स्कूटर की बैटरी चार्ज कर रहे हैं, तो उसे आउटर एरिया में चार्ज करें। बैटरी को कपड़े या लकड़ी के सरफेस पर न खें।
2. बैटरी को चार्ज पर लगाकर पूरी रात चार्जिंग पर न छोड़ें। बैटरी फुल चार्ज होते ही उसे हटा दें।
3. ई- व्हीकल पानी में भीगने पर उसे चार्ज पर न लगाएं। वाहन या बैटरी के हिस्से को पूरी तरह से सूखने दें। सूखने के बाद ही चार्ज पर लगाएं। 4. वाहन चलाने के दौरान अगर स्मैल आए तो फौरन गाडी रोकें और सबसे पहले सीट को खोल दें ताकि अंदर की गर्मी बाहर निकल सके।