बाबासाहेब के नाम से लोकप्रिय डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को महु मे हुआ था, जबकि उनका देहांत 6 दिसंबर 1956 को दिल्ली में हुआ था. एक अस्पृश्य परिवार में जन्म लेने के कारण उन्हें सारा जीवन कष्टों में बिताना पड़ा था. बाबासाहेब भारत और विश्व के सबसे अधिक सम्माननीय आर्थिक और सामाजिक विचारकों में गिने जाते हैं.
भारतरत्न से सम्मानित डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर को एक विश्वस्तरीय विधिवेत्ता, भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार और करोड़ों शोषितों, वंचितों दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को सम्मानीय जीवन देने के लिए हमेशा याद किया जायेगा. भीमराव अम्बेडकर तीनों गोलमेज सम्मलेन में भाग लेने वाले गैरकांग्रेसी नेता थे. लेकिन उनसे जुडी कई ऐसी बातें हैं जिससे ज्यादातर लोग अंजान है. आइए इस लेख में हम अम्बेडकर के जीवन से जुड़ी 23 अनजाने तथ्यों को जानने का प्रयास करते हैं.
1. डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर अपने माता-पिता की चौदहवीं और आखिरी संतान थे।
2. डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर का वास्तविक सरनेम अंबावडेकर था। लेकिन उनके शिक्षक, महादेव अम्बेडकर, जो उन्हें बहुत मानते थे, ने स्कूल रिकार्ड्स में उनका नाम अंबावडेकर से अम्बेडकर कर दिया।
3. डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर विदेश जाकर अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल करने वाले पहले भारतीय थे।
4. डॉ. अम्बेडकर ही एकमात्र भारतीय हैं जिनकी प्रतिमा लन्दन संग्रहालय कार्ल मार्क्स के साथ लगी हुई है।
5. भारतीय तिरंगे में “अशोक चक्र” को जगह देने का श्रेय भी डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर को जाता है।
6. अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार जीत चुके अर्थशास्त्री प्रो. अमर्त्य सेन, ड बी. आर अम्बेडकर को अर्थशास्त्र में अपना पिता मानते हैं।
7. मध्य प्रदेश और बिहार के बेहतर विकास के लिए बाबासाहेब ने 50 के दशक में ही विभाजन का प्रस्ताव रखा था, पर सन 2000 में जाकर ही इनका विभाजन कर छत्तीसगढ़ और झारखण्ड का गठन किया गया।
8. बाबासाहेब के निजी पुस्तकालय “राजगृह” में 50,000 से भी अधिक उनकी किताबें थी और यह विश्व का सबसे बड़ा निजी पुस्तकालय था।
9. डॉ. बाबासाहेब द्वारा लिखी गई पुस्तक “waiting for a visa” कोलंबिया विश्वविद्यालय में टेक्स्टबुक है। कोलंबिया विश्वविद्यालय ने 2004 में विश्व के शीर्ष 100 विद्वानों की सूची बनाई थी और उसमे पहला नाम डॉ. भीमराव अम्बेडकर का था |
10. डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर कुल 64 विषयों में मास्टर थे । वे हिन्दी, पाली, संस्कृत, अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, मराठी, पर्शियन और गुजराती जैसे 9 भाषाओं के जानकार थे। इसके अलावा उन्होंने लगभग 21 साल तक विश्व के सभी धर्मों की तुलनात्मक रूप से पढाई की थी |
11. बाबासाहेब ने लंदन स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स में 8 वर्ष में समास होनेवाली पढाई केवल 2 वर्ष 3 महीने में पूरी की थी। इसके लिए उन्होंने प्रतिदिन 21-21 घंटे पढ़ाई की थी।
12. डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर का अपने 8,50,000 समर्थको के साथ बौद्ध धर्म में दीक्षा लेना विश्व में ऐतिहासिक था, क्योंकि यह विश्व का सबसे बड़ा धर्मातरण था।
13. बाबासाहेब को बौद्ध धर्म की दीक्षा देनेवाले महान बौद्ध भिक्षु “महंत वीर चंद्रमणी” ने उन्हें “इस युग का आधुनिक बुद्ध” कहा था।
14. लंदन स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स से “डॉक्टर ऑल सायन्स” नामक अनमोल डॉक्टरेट पदवी प्राप्त करनेवाले बाबासाहेब विश्व के पहले और एकमात्र महापुरुष हैं। कई बुद्धिमान छात्रों ने इसके लिए प्रयास किये परन्तु वे अब तक सफल नहीं हो सके हैं।
15. विश्व में जिस नेता के ऊपर सबसे अधिक गाने और किताबें लिखी गई है वह डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर हैं।
16. गवर्नर लॉर्ड लिनलिथगो और महात्मा गांधी का मानना था कि बाबासाहेब 500 स्नातकों तथा हजारों विद्वानों से भी अधिक बुद्धिमान हैं।
17. पीने के पानी के लिए सत्याग्रह करनेवाले बाबासाहेब विश्व के प्रथम और एकमात्र सत्याग्रही थे।
18. 1954 में काठमांडू, नेपाल में आयोजित “जागतिक बौद्ध धर्मपरिषद” बौद्ध भिक्षुओं ने डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर को बौद्ध धर्म की सर्वोच्च उपाधि “बोधिसत्व” प्रदान की थी। उनकी प्रसिद्ध किताब “दि बुद्ध अण्ड हिज धम्म” भारतीय बौद्धों का “धर्मग्रंथ ” है।
19. डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर ने भगवान बुद्ध, संत कबीर और महात्मा फुले इन तीनों महापुरुषों को अपना गुरु माना है।
20. दुनिया में सबसे अधिक स्टेच्यु (Statue) बाबासाहेब के ही हैं। उनकी जयंती भी पूरे विश्व में मनाई जाती है।
21. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा किए गए “The Makers of the Universe” नामक जागतिक सर्वेक्षण के आधार पर पिछले 10 हजार वर्षो के शीर्ष 100 मानवतावादी विश्वमानवों की सूची बनाई गई थी जिसमें चौथा नाम डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर का था |
22. विश्व में हर जगह बुद्ध की बंद आंखो वाली प्रतिमाएं एवं पेंटिग्स दिखाई देती है लेकिन बाबासाहेब जो उत्तम चित्रकार भी थे, उन्होंने सर्वप्रथम बुद्ध की ऐसी पेंटिंग बनाई थी जिसमें बुद्ध की आंखे खुली थी।
23. बाबासाहेब का पहला स्टेच्यु उनके जीवित रहते हुए ही 1950 में बनवाया गया था, और यह Statue कोल्हापुर शहर में है।