लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार रामलला अयोध्या में विराजमान हो गए हैं। देश-विदेश की मीडिया में सिर्फ राम नाम ही छाया हुआ है। आइए जानते हैं कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर विदेश की मीडिया का क्या कहना है । 500 वर्षों की तपस्या के बाद लोगों को उनका राम मंदिर मिल गया है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने तक की यात्रा कतई आसान नहीं थी । रामजन्मभूमि पर मस्जिद के निर्माण से लेकर वापस राम लला के भव्य मंदिर बनने तक लगभग पांच सदियां लग गईं। लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार रामलला अयोध्या में विराजमान हो गए। देश – विदेश की मीडिया में सिर्फ राम नाम ही छाया हुआ है। आइए जानते हैं कि राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा पर विदेश की मीडिया का क्या कहना है-
द वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट – द वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, राम लला को विराजमान होते देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग अयोध्या पहुंचे। अभी तक शहर के नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लगभग 80 चार्टर्ड उड़ानें उतर चुकी हैं। आगे भी इनकी संख्या बढ़ती ही रहेगी। हालांकि, यह नया हवाई अड्डा निजी विमानों को मुश्किल ही ज्यादा समय तक रोककर रख सकता है। हवाई अड्डे के मैनेजर सौरभ सिंह के हवाले से बताया गया है कि मेहमानों को छोड़ने के बाद सभी विमान रवाना हो जाएंगे।
विपक्षी नेता मंदिर के उद्घाटन का बहिष्कार कर रहे – रिपोर्ट में कहा गया है कि मंदिर का निर्माण एक प्राचीन मस्जिद के ऊपर किया गया है। अधिकांश राजनीतिक विपक्षी नेता मंदिर के उद्घाटन का बहिष्कार कर रहे हैं । इनका कहना है कि यह धर्मनिरपेक्ष भारत के लिए शोभा नहीं देता । हालांकि, राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने वालों की सूची में कई बड़े नाम हैं, जैसे- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडानी और बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन । इसमें कहा गया है कि आगामी आम चुनाव से पहले, मोदी की हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी देश के हिंदू बहुमत की पैरवी करने के लिए समारोह का उपयोग कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार, भगवान राम के भक्त सिर्फ भारत में ही नहीं हैं। बल्कि थाईलैंड, इंडोनेशिया, म्यांमार और मलेशिया जैसे देशों में भी राम की शक्ति को पूजा जाता है ।
ऐसे बना है भव्य मंदिर- लगभग तीन हेक्टेयर में फैले मंदिर की अनुमानित लागत 217 मिलियन डॉलर है । यह गुलाबी बलुआ पत्थर से बना है । जटिल नक्काशी से सजा है। इसमें 46 दरवाजे हैं, जिनमें से 42 पर सोने की एक परत चढ़ी होगी। निर्माण के काम को देख रहे ट्रस्ट के एक सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि मंदिर में पारंपरिक डिजाइन अत्याधुनिक तकनीक का मिश्रण है और इसे लोहे, स्टील या सीमेंट के उपयोग के बिना तैयार किया गया है।
एक लाख श्रद्धालु करेंगे दर्शन – प्राण प्रतिष्ठा के लिए 1.3 मीटर (4.25 फुट ) की पत्थर की मूर्ति स्थापित की गई है। अधिकारियों ने बताया कि समारोह के बाद मंदिर आम लोगों के लिए खुल जाएगा और अनुमानित एक लाख श्रद्धालुओं के रोजाना दर्शन करने की संभावना है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट में यह – भारत में सोमवार को रामलला अयोध्या में विराजमान हो गए हैं। लाखों लोग अयोध्या को राम का जन्मस्थान मानते हैं । आगामी चुनावों को देखते हुए धार्मिक तमाशे के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर का उद्घाटन किया। मंदिर का निर्माण मोदी की हिंदू राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का 35 साल पुराना वादा है । यह एक विवादास्पद राजनीतिक मुद्दा है, जिसने पार्टी को प्रमुखता और सत्ता में लाने में मदद की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, हिंदू संगठन अयोध्या में होने वाले उद्घाटन समारोह को मुस्लिम और औपनिवेशिक शक्तियों द्वारा सदियों की अधीनता के बाद हिंदू जागृति शिखर के रूप में दिखाने की कोशिश कर रहे हैं । इतना ही नहीं, इसे मई में होने वाले आम चुनावों के लिए मोदी के चुनाव अभियान के शुभारंभ के रूप में भी देखा जा रहा है।
अल जजीरा ने कही ये बात – जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, 32 साल की युसरा हुसैन ने कहा कि जब वह अयोध्या के राम मंदिर में प्रवेश करने के लिए कतार में खड़ी थीं, तब जो हुआ वह उनके जहन में अभी भी है। उन्होंने कहा, मुझे देखते ही लोगों ने जय श्री राम का जाप करना शुरू कर दिया। मुझे आक्रामक विजयवाद की भावना देखने को मिली। रिपोर्ट में कहा गया है कि इतने बड़े अर्थव्यवस्था वाले देश में एक अचानक सा ठहराव आ गया है। शेयर बाजार बंद है। सरकारी कार्यालय केवल आधे दिन काम कर रहे हैं और सिनेमा हॉल धार्मिक समारोह की लाइव स्क्रीनिंग की पेशकश कर रहे हैं। मोदी के विरोधियों का कहना है कि उन्होंने मार्च में शुरू होने वाले राष्ट्रीय चुनावों से पहले धर्म के नाम पर राजनीति शुरू कर दी है ।