बरशीहाट : शेख शाहजहां जिसने बशीरहाट के संदेशखाली द्वीप में खुद को अघोषित राजा बना रखा था वह आखिरकार गुरुवार को गिरफ्तार हो गया। पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक का काफी खास माना जाने वाले शेख के पिछले कुछ सालों के जीवन पर प्रकाश डालें तो इलाके के लोगों ने बताया है कि बांग्लादेश से भागकर वह सालों पहले यहां आया था। शुरू में शाहजहां ने खेतों और ईंट-भट्ठों पर मजदूरी की और फिर उन्हीं मजदूरों का नेता बन बैठा। उसने एक यूनियन बना ली और फिर इलाके में मेलजोल बनाकर उसने माकपा में एंट्री पा ली। हालांकि साल 2011 में यहां सरकार के बदलते ही शाहजहां ने सीधे राजनीति में एंट्री ली हावरा के विधायक व पूर्व मंत्री ज्योतिप्रिय के सहारे वह तृणमूल में आया। उसका मामा मोसलेम शेख भी तब उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली इलाके में माकपा का कद्दावर नेता व पंचायत प्रधान था। मामा की शह पाकर फिर शाहजहां ने यहां मछली पालन केंद्र खोला। फिर एक के बाद एक मछली भेरियों को दखल करता गया। इसके बाद वह अपना प्रभाव जमाते गया और पंचायत चुनाव लड़ा। वह पूर्व पंचायत प्रधान भी था। वहीं राशन घोटाले में उसका नाम सामने आने पर वह उत्तर 24 परगना जिला परिषद का प्राणी संपद और मतस्य विभाग के कर्माध्यक्ष पद पर था। वहीं 5 जनवरी को ईडी अधिकारियों पर हमला किये जाने की घटना के बाद उसे मुख्य अभियुक्त मानते हुए उसके विरुद्ध लुकआउट नोटिस जारी गयी थी। विरोधी दल नेता शुभेंद्र अधिकारी ने पहले ही दावा किया है कि उसका कोलकाता के सर्वे पार्क में करोड़ों का घर है। इसके अलावा एक शॉपिंग मॉल भी है। उसने राज्य चुनाव आयोग में दायर हलफनामे के अनुसार, शाहजहां के पास करोड़ों की संपत्ति है। बताया गया है कि इसमें 17 वाहन, 2.5 करोड़ रुपये के सोने के गहने और 14 एकड़ से अधिक जमीन शामिल है। इन सबकी कुल कीमत चार करोड़ रुपये है। हलफनामे में बताया गया है कि उसके बैंक में 1.92 करोड़ रुपये जमा हैं। (वृत्तसंस्था)