सनातन धर्म एक प्राचीन धार्मिक तत्व है जो भारतीय सभ्यता और संस्कृति का मूल आधार माना जाता है . यह धर्म भारत के ऐतिहासिक और धार्मिक परंपराओं का प्रतिष्ठित अंग है और इसे हिंदू धर्म भी कहा जाता है. सनातन धर्म का उद्देश्य आत्मा के मोक्ष को प्राप्त करना है। इसमें वेदों, उपनिषद, पुराण, गीता, रामायण, और महाभारत जैसे प्राचीन धार्मिक ग्रंथों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सनातन धर्म में पुनर्जन्म, कर्म, ध्यान, तप, और धर्मयुद्ध का महत्व होता है। इसमें विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा की जाती है और समाज में धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं का पालन किया जाता है। सनातन धर्म में विविधता, त्याग, सेवा, और अहिंसा को महत्व दिया जाता है। यह धर्म एक विशाल, अमूर्त और अदिवार्णीय परंपरा है जो भारतीय समाज के सभी वर्गों और वर्णों में भारी प्रभाव डालता है।
सनातन धर्म की 10 विशेषताएं: बहुदेववादः सनातन धर्म में एक ईश्वर की अवधारणा नहीं है, बल्कि अनेक देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। कर्म का सिद्धांत: सनातन धर्म में कर्म का सिद्धांत बहुत महत्वपूर्ण है। माना जाता है कि मनुष्य के कर्म ही उसके जीवन को निर्धारित करते हैं।
पुनर्जन्म का सिद्धांत: सनातन धर्म में पुनर्जन्म का सिद्धांत भी महत्व- पूर्ण है। माना जाता है कि मृत्यु के बाद आत्मा एक नए शरीर में जन्म लेती है।
मोक्ष की प्राप्तिः सनातन धर्म का अंतिम लक्ष्य मोक्ष की प्राप्ति है। मोक्ष का अर्थ है जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति ।
वेदः सनातन धर्म के सबसे प्राचीन ग्रंथ वेद हैं। वेदों को ईश्वर का वचन माना जाता है।
उपनिषदः उपनिषद वेदों का सार हैं। इनमें आत्मा, ब्रह्म और मोक्ष जैसे विषयों पर विचार किया गया है।
योग: योग सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण अंग है। योग शरीर, मन और आत्मा को स्वस्थ रखने का एक तरीका है।
आयुर्वेदः आयुर्वेद सनातन धर्म का एक प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। आयुर्वेद में प्राकृतिक तरीकों से रोगों का उपचार किया जाता है। धर्मशास्त्र: धर्मशास्त्र सनातन धर्म के नियमों और कानूनों का संग्रह है।
संस्कार: सनातन धर्म में संस्कारों को बहुत महत्व दिया जाता है। संस्कार मनुष्य के जीवन को सही दिशा में ले जाते हैं।
इन 10 विशेषताओं के अलावा, सनातन धर्म में अनेक अन्य विशेषताएं भी हैं। यह धर्म जीवन के सभी पहलुओं को शामिल करता है और मनुष्य को एक बेहतर जीवन जीने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है।